Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Anil Kumar Pathak

Anil Kumar Pathak

विभिन्न भाषाओं के साहित्य के अध्येता होने के साथ ही डॉ. अनिल कुमार पाठक ने मानववाद पर मात्र शोध ही नहीं किया है, अपितु मानववादी विचारधारा को मनसा-वाचा-कर्मणा आत्मसात् करते हुए व्यवहृत भी किया है। जहाँ वे मानवीय संवेदना से स्पंदित हैं, वहीं मानववादी मूल्यों के मर्मज्ञ भी हैं। कहा जाता है कि कवि इस जगत् का अत्यंत सौभाग्यशाली प्राणी है। इस संसार में प्रथमतः तो मनुष्य बनना ही एक दुर्लभ गुण है, तिस पर विद्वान् बनना और विद्वत्ता के साथ कवि होना तथा काव्य करने की शक्ति प्राप्त करना नितांत दुर्लभ है।  
किसी वस्तु के अंतर्निहित तत्त्व का ज्ञान हुए बिना कोई ‘कवि’ नहीं हो सकता। ‘हठादाकृष्टानां कतिपयपदानां रचयिता’ बनकर कविता की काया को बढ़ानेवाले तुक्कड़ों के विपरीत सत्कवि के लिए ‘दर्शन’ और ‘प्रतिभा’ अनिवार्य गुण हैं। डॉ. अनिल कुमार पाठक कविकर्म के इन अनिवार्य गुणों से सर्वथा युक्त हैं।
डॉ. पाठक ने गद्य एवं पद्य दोनों विधाओं में सिद्धहस्तता के साथ लेखनी चलाई है। इनकी मर्मस्पर्शी कहानियाँ एवं गीत विभिन्न आकाशवाणी केंद्रों से भी प्रसारित होते रहते हैं। वर्तमान में प्रशासकीय दायित्वों के निर्वहन के साथ ही भारतीय संस्कृति-परंपरा तथा बाल साहित्य पर भी वे लेखनरत हैं।

 

Books by Anil Kumar Pathak