रूसी कथाकार और नाटककार आंतोन चेखव का जन्म दक्षिण रूस के तगानरोग में 29 जनवरी, 1860 को हुआ। 1879 से 1884 तक चेखव ने मॉस्को के मेडिकल कॉलेज में शिक्षा पूरी की और डॉटरी करने लगे। 1880 में उनकी पहली कहानी प्रकाशित हुई और 1884 में उनका प्रथम कहानी-संग्रह प्रकाशित हुआ। 1886 में ‘रंग-बिरंगी कहानियाँ’ नामक संग्रह प्रकाशित हुआ और 1887 में पहला नाटक ‘इवानव’। चेखव ने सैकड़ों कहानियाँ लिखीं। उनमें सामाजिक कुरीतियों का व्यंग्यात्मक चित्रण किया गया है। अपने लघु उपन्यासों ‘सुख’ (1887), ‘बाँसुरी’ (1887) और ‘स्टेप’ (1888) में मातृभूमि और जनता के लिए सुख के विषय मुय हैं। ‘तीन बहनें’ (1900) नाटक में सामाजिक परिवर्तनों की आवश्यकता की झलक मिलती है। ‘किसान’ (1897) लघु उपन्यास में जार कालीन रूस के गाँवों की दु:खप्रद कहानी प्रस्तुत की गई है। उपन्यास-सम्राट् मुंशी प्रेमचंद के अनुसार ‘चेखव संसार के सर्वश्रेष्ठ कहानी लेखक’ हैं। उनकी कहानियों पर अनेक चलचित्र बनाए गए। उनकी कृतियाँ 71 भाषाओं में प्रकाशित हुई हैं। 1902 में उन्हें ‘सम्मानित अकादमीशियन’ की उपाधि मिली।
स्मृतिशेष : 15 जुलाई, 1904।