श्री अरुण जेटली का जन्म 28 दिसंबर, 1952 में हुआ था। एक छात्र के रूप में उन्होंने अपनी शैक्षणिक मेधा का परिचय दिया। वे हिंदी और अंग्रेजी, दोनों ही भाषाओं में दिल्ली विश्वविद्यालय के सबसे अच्छे वक्ता थे। अपने कॉलेज ‘श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स’ के छात्र संघ के अध्यक्ष रहे और फिर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के भी अध्यक्ष बने। श्री जयप्रकाश नारायण ने उन्हें 1974 के जेपी आंदोलन के दौरान सारे छात्र और युवा संगठनों का संयोजक बनाया। 26 जून, 1975 को आपातकाल लागू कर दिया गया। आपातकाल के खिलाफ सबसे पहले सत्याग्रही अरुण जेटली ही थे, जिसके कारण उन्होंने 19 महीने जेल में बिताए।
उन्होंने एक वकील के रूप में अपने कॅरियर की शुरुआत की और उन्हें जबरदस्त सफलता मिली। सीनियर वकील कहलानेवाले वे सबसे युवा वकील थे और मात्र 37 वर्ष की आयु में वे एडीशनल सॉलिसीटर जनरल बने।
भाजपा के वरिष्ठ नेता के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई और पार्टी के प्रवक्ता और महासचिव बने। श्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वे सूचना और प्रसारण, विनिवेश, कानून, न्याय और कंपनी मामलों, जहाजरानी तथा वाणिज्य और उद्योग विभागों के मंत्री रहे और अपनी कार्यक्षमता से सबको प्रभावित किया।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा और विश्व व्यापार संगठन जैसे विभिन्न मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की बात को प्रभावी ढंग से रखने का महती कार्य किया।
अरुण जेटली पिछले 15 वर्षों से राज्यसभा के सदस्य हैं। उन्होंने संसद् में हुई सबसे शानदार बहसों में भाग लेकर अपने वक्तव्य कौशल से सब पर अपनी धाक जमाई है। वे स्वच्छ और स्वस्थ राजनीति के प्रबल पक्षधर हैं। भारतीय संसद् ने उन्हें उत्कृष्ट सांसद के सम्मान से विभूषित किया है।
संप्रति : केंद्रीय वित्त, सूचना एवं प्रसारण एवं कॉरपोरेट मामले मंत्री।