जन्म : 8 जनवरी, 1909 को कलकत्ता में ।
मृत्यु : 13 जुलाई, 1995 को ।
पारिवारिक परिस्थितियों के कारण औपचारिक शिक्षा-दीक्षा नहीं हो पाई । माँ की प्रेरणा से बचपन में ही साहित्य. के प्रति अनुराग जाग्रत् हो गया ।
प्रकाशन : उनकी साहित्यिक यात्रा तेरह वर्ष की आयु से ही प्रारंभ हो गई थी, जब उन्होंने एक बाल पत्रिका के लिए एक कविता लिखी थी । ' प्रथम प्रतिश्रुति ', ' सुवर्ण लता ' और ' बकुल कथा ' उनकी सर्वश्रेष्ठ कृतियाँ मानी गई हैं । उन्होंने विपुल संख्या में उपन्यास व कहानियों का लेखन किया है ।
पुरस्कार / सम्मान : कलकत्ता विश्व- विद्यालय से स्वर्ण पदक, प. बंगाल सरकार द्वारा ' रवींद्र पुरस्कार ' तथा भारत सरकार की ओर से ' पद्मश्री ' सम्मान प्राप्त । इसके अतिरिक्त ' ज्ञानपीठ पुरस्कार ' और कई विश्वविद्यालयों से डी.लिट. की मानद उपाधियाँ प्राप्त ।