आशीष कौल मीडिया व एंटरटेनमेंट जगत् का जाना-माना नाम है। आशीष का विश्वास है कि व्यक्ति हो या समाज, सशक्तीकरण का रास्ता ‘संवाद’ से होकर निकलता है और बेहतरीन संवाद तब स्थापित होता है, जब समुचित जानकारी और उदहारण के साथ अपनी बात कही जाए। अपनी इसी अलग सोच और खास अंदाज के चलते बिजनेस लीडर और कम्यूनिकेशंस एक्सपर्ट के रूप में भी उन्होंने खूब प्रतिष्ठा अर्जित की है। 1990 में सपरिवार कश्मीर छोड़ने पर मजबूर हुए आशीष कॉल ने जी नेटवर्क, हिंदुजा ग्रुप, बी.ए.जी. नेटवर्क समेत कई बड़ी कंपनियों में ऊँचे पदों पर रहने के बाद अपनी कंपनी ‘फोकलोर एंटरटेनमेंट’ के साथ एक नई पारी शुरू की है। इस पारी में वह कश्मीर के 5000 साल के इतिहास के शोध से जुटाए तथ्यों को किताबों और डॉक्यूमेंटरी की शक्ल में लोगों के सामने रख रहे हैं, ताकि कश्मीर का इतिहास और सच पूरे देश और विश्व के सामने आए। इतिहास के सिरे जोड़ते वक्त आशीष के सामने ऐसी कई प्रभावी ऐतिहासिक स्त्रियाँ आईं जिनके कारण कभी श्रीकृष्ण ने स्वयं कश्मीर को ‘स्त्रीदेश’ का नाम दिया। इन महिलाओं ने दुनिया को कई लोक कल्याणकारी व्यवस्थाएँ, जैसे जन वितरण केंद्र, जल वितरण सुविधाएँ, जनतंत्र, बैंकिंग जैसी व्यवस्थाएँ दीं। ऐतिहासिक महायोद्धा रहीं ‘दिद्दा’ उन्हीं विशिष्ट महिलाओं में से एक हैं। आशीष कौल की पिछली तीन पुस्तकें भी बेस्टसेलर की सूची में संकलित होकर पाठकों के बीच खूब लोकप्रिय हुईं।