अशोक राज नई दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.) एवं जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं। उन्होंने विज्ञान, समाज और संस्कृति; विज्ञान और आध्यात्मिकता; प्राचीन भारतीय विज्ञान; देशज ज्ञान परंपराएँ और सिनेमा तथा समाज पर इसका प्रभाव जैसे अनेक क्षेत्रों में व्यापक शोध कार्य किया है। परामर्शदाता के रूप में उन्होंने भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और संस्कृति विभाग के अतिरिक्त यूनेस्को, संयुक्त राष्ट्र महिला विकास कोष (यूनिफेम), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यू.एन.डी.पी.), नई दिल्ली के लिए अनेक अध्ययन संचालित किए हैं। सी.एस.डी.एस. के लिए उन्होंने अंत:समुदाय सहिष्णुता के सद्गुणों को दरशाते भारतीय सिनेमा पर अध्ययन किया है। उनकी पुस्तकें—‘हीरो’ (खंड 1—मौन युग से दिलीप कुमार तक) और ‘हीरो’ (खंड 2—अमिताभ बच्चन से तीन खान और उसके बाद)—हाल-फिलहाल में हे हाउस, इंडिया द्वारा प्रकाशित की गई हैं। अशोक राज ने इंडिया इंटरनेशनल क्वार्टरली, लाइफ पॉजिटिव, इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली, मेनस्ट्रीम, समकालीन भारतीय साहित्य (साहित्य अकादेमी), फ्यूचर्स (लंदन), विदुर (प्रेस इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया) और टाइम्स ऑफ इंडिया सहित अनेक प्रकाशनों के लिए भी निरंतर लेखन किया है।