अश्विनी कुमार ‘पंकज’
1964 में जन्म। डॉ. एम.एस. ‘अवधेश’ और दिवंगत कमला की सात संतानों में से एक। कला स्नातकोत्तर। 1991 से जिंदगी और सृजन के मोर्चे पर वंदना टेटे की सहभागिता। झारखंड एवं राजस्थान के आदिवासी जीवनदर्शन, समाज, भाषा-संस्कृति और इतिहास पर विशेष कार्य। उलगुलान, संगीत, नाट्य दल, राँची के संस्थापक संगठक सदस्य। 1987 में रंगमंच की त्रैमासिक पत्रिका ‘विदेशिया’ और 1995 में ‘हाका’ का संपादन। फिलहाल राँची से लोकप्रिय मासिक नागपुरी पत्रिका ‘जोहार सहिया’, पाक्षिक बहुभाषी अखबार ‘जोहार दिसुम खबर’ और रंगमंच एवं प्रदर्शनकारी कलाओं की त्रैमासिक पत्रिका ‘रंगवार्त्ता’ का संपादन-प्रकाशन।
‘पेनाल्टी कॉर्नर’, ‘इसी सदी के असुर’, ‘सालो’ और ‘अथ दुड़गम असुर हत्या कथा’ (कहानी-संग्रह); ‘जो मिट्टी की नमी जानते हैं’ और ‘खामोशी का अर्थ पराजय नहीं होता’ (कविता-संग्रह); ‘युद्ध और प्रेम’ और ‘भाषा कर रही है दावा’ (लंबी कविता); ‘अब हामर हक बनेला’ (हिंदी कविताओं का नागपुरी अनुवाद); ‘छाँइह में रउद’ (दुष्यंत की गजलों का नागपुरी अनुवाद); ‘एक अराष्ट्रीय वक्तव्य’ (विचार); ‘नागपुरी साहित कर इतिहास’ (भाषा-साहित्य); ‘रंग बिदेसिया’ (भिखारी ठाकुर पर, सं.); ‘उपनिवेशवाद और आदिवासी संघर्ष’ (सं.); ‘आदिवासी और विकास का भद्रलोक’ (सं.) एवं ‘माटी माटी अरकाटी’ (उपन्यास) आदि प्रकाशित पुस्तकें।
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