भारतीय रेलवे यांत्रिक अभियंता सेवा के 1980 बैच के अधिकारी हैं। वर्ष 1996 में उन्हें उत्कृष्ट सेवा के लिए रेल मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया और वर्ष 1999 में पर्यटन मंत्रालय के राष्ट्रीय पुरस्कार में उनका विशेष उल्लेख किया गया। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में नई जान फूँकने और रेल हेरिटेज के महत्त्व को उजागर करने का श्रेय अश्विनी लोहानी को जाता है। वर्ष 1998 में ‘फेयरी क्वीन एक्सप्रेस’ को चलाकर उन्होंने ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में अपना नाम दर्ज कराया। इंजीनियरिंग में चार उपाधियाँ—मेकैनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मेटालरजिकल इंजीनियरिंग तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग प्राप्त करने के कारण उनका नाम ‘लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स’ में दर्ज है। इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स इंडिया तथा इंस्टीट्यूट ऑफ लॉजिस्टिक्स एंड ट्रांस्पोर्ट के फेलो। भारतीय पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के पद पर रहते हुए उन्होंने निगम और विशेषकर अशोक होटल (नई दिल्ली) की कार्य-व्यवस्था में आमूलचूल सकारात्मक बदलाव लाने में सफलता प्राप्त की। मात्र एक वर्ष के अल्प सेवाकाल में ही उन्होंने मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। वह राष्ट्रीय पर्यटन सलाहकार समिति एवं CII की राष्ट्रीय पर्यटन समिति के सदस्य हैं। पर्यटन में सूचना-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनेक राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित किए। विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में उनके लगभग पचास लेख, शोधपत्र, स्तंभ लेख आदि प्रकाशित हो चुके हैं। प्रस्तुत पुस्तक के अतिरिक्त अंग्रेजी में ‘स्मोकिंग ब्यूटीज’ नाम से उनकी एक अन्य पुस्तक प्रकाशित है।