श्री भैरों सिंह शेखावत का जन्म 23 अक्तूबर, 1923 को राजस्थान के सीकर जिले के खाचरियावास गाँव के एक सामान्य परिवार में हुआ। अपने परिश्रम, अध्यवसाय और निष्ठा के कारण उन्हें राजस्थान विधानसभा के सदस्य, विपक्ष के नेता, तीन बार मुख्यमंत्री के पद पर पहुँचने का अवसर मिला। 19 अगस्त, 2002 को वे भारी बहुमत से भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए। भारत की राजनीति में वे ‘अजातशत्रु’ के रूप में विख्यात हैं। अपने उज्ज्वल चरित्र की पारदर्शिता, समन्वय-क्षमता, गाँव, गरीब और किसान के विकास के लिए प्रतिबद्धता, लोकतांत्रिक मूल्यों एवं नैतिकता में गहन आस्था के कारण उन्होंने इन सभी पदों को गरिमा प्रदान की। राज्यसभा में उनका स्वागत करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, ‘आप धूल से उठकर माथे का चंदन बन गए हैं।’ तत्कालीन विपक्ष के नेता डॉ. मनमोहन सिंह के हार्दिक उद्गार थे—‘पचास वर्ष से अधिक का आपका सार्वजनिक जीवन बुद्धिमत्ता, ज्ञान और अनुभव का प्रतीक है, जिसपर हमें गर्व है।’