भरतलाल शर्मा ऋषियों के ज्ञान को सरल एवं सुबोध शब्दों में जन-जन में प्रसारित कर रहे हैं। वे स्वयं ईश्वरीय वातावरण में रहते हैं। भौतिक स्तर पर अब उनकी कोई कामना नहीं रह गई है। उनकी आवश्यकताएँ कम हैं। वे आत्म-संतुष्ट हैं और ईश्वरीय प्रेरणा पर ईश्वरीय ज्ञान को फैलाने में परम आनंद का अनुभव करते हैं।
डॉ. शर्मा ने देश भर में भ्रमण करके अपने श्रोताओं को अपनी वाणी और ज्ञान से प्रभावित किया है। उन्होंने लंदन, हांगकांग, क्वालालमपुर, सिंगापुर आदि विदेशी महानगरों में भी आध्यात्मिक जिज्ञासुओं को अपने उपदेशों से आनंदित एवं आलोकित किया है। उनकी अनेक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनका सर्वत्र स्वागत हुआ है।