जिसने भारत के हजारों-लाखों लोगों के लिए नीड़ों का न केवल ।निर्माण्ा किया हो, बल्कि उसकी आँखों में नए भारत की इस नई तसवीर का सपना भी हो । जो सिर्फ भवन निर्माता ही न हो, इस नए भारत का सृजक भी हो । भवन-निर्माण जिसका सिर्फ व्यवसाय न हो, बल्कि मानवता की सेवा का एक माध्यम भी हो । जो बिल्डर न होकर मनुष्य, भी हो । जिसने 1975 के बाद इस के 'भ्रैवन-निर्माण 'खै ' राष्ट्र -निमल्ली' की भी नींव हट्ट-रखी हो । कभी भी 'कूमाफिया' शब्द' से कलक्ति न हुआ हो । जिसने ' सोशलाइजेशन (भक्न निर्माण द्वारा समाज सेवा)