(18 अगस्त, 1941 - 16 अप्रैल, 2010) कोयंबटूर कृष्णराव प्रह्लाद मशिगन विश्वविद्यालय के बॉस स्कूल ऑफ बिजनेस में व्यापार नीति के प्रोफेसर थे। वह अंतरराष्ट्रीय ख्याति के प्रबंधन-विशेषज्ञ थे। वे विश्व के 10 शीर्ष प्रबंधन-चिंतकों की सूची में भी शामिल थे। 2007 में टाइम्स ऑफ लंदन और सनटॉप मीडिया ने उन्हें ‘वर्तमान, सर्वाधिक प्रभावशाली प्रबंधन-चिंतक’ चुना। वर्ष 2009 में दुनिया के 50 बेहतरीन बिजनेस गुरुओं की सूची में सी.के. प्रह्लाद को लगातार दूसरी बार सर्वाधिक प्रभावशाली बिजनेस गुरु चुना गया तथा भारत सरकार द्वारा साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में ‘पद्मभूषण’ से सम्मानित किया गया। वह ‘कंपीटिंग फॉर दी फ्यूचर’, ‘दी फ्यूचर ऑफ कंपीटिशन’ और ‘दी न्यू एज ऑफ इन्नोवेशन’ जैसी प्रबंधन की बेस्ट सेलर पुस्तकों के सह-लेखक हैं। उन्हें चार बार सर्वश्रेष्ठ लेख के लिए ‘मैकिंजे पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है और लंदन विश्वविद्यालय एवं स्टीवेंस स्कूल ऑफ टेक्नोलॉजी सहित अनेक संस्थानों से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्रदान की गई। प्रह्लाद ने विश्व की अनेक शीर्ष कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और वरिष्ठ प्रबंधकों के साथ काम किया। वह एन.सी.आर. कॉरपोरेशन, पीयर्सन पीएलसी, हिंदुस्तान यूनीलिवर लिमटेड, दी वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट और इंडस एंटरप्राइजेज के निदेशक मंडल के सदस्य भी रहे।