सी. राधाकृष्णन का जन्म 15 फरवरी, 1939 को केरल के मलप्पुरम जिले के चम्रवट्टम गाँव में हुआ। वे मलयालम के बहुचर्चित साहित्यकार एवं फिल्मकार हैं। उपन्यास, कहानी, नाटक, कविता, बालसाहित्य, निबंध जैसी कई साहित्यिक विधाओं में अब तक उनकी 78 कृतियाँ प्रकाशित हैं। साहित्य अकादेमी पुरस्कार, मूर्तिदेवी पुरस्कार, एषुत्तच्छन् पुरस्कार (केरल सरकार) आदि अनेक पुरस्कारों से अलंकृत। भौतिक शास्त्र में उनके अनुसंधानों का प्रकाशन ‘अव्यक्त—द फैब्रिक ऑफ स्पेस’ शीर्षक से हुआ है। ‘गीताविज्ञान’ गीता की वैज्ञानिक व्याख्या है, जो सभी सांसारिक दुःखों व समस्याओं से विदा लेकर सुखी जीवन बिताने के लिए ‘गीता’ किस प्रकार सहायक हो सकती है, इसकी खोज करती है।
डॉ. के.सी. अजय कुमार का जन्म 1964 में केरल के पत्तनमतिट्टा जिले के कटप्रा गाँव
में हुआ। हिंदी में ‘सूर्यगायत्री’, ‘कालिदास’ उपन्यासों सहित चार रचनाएँ प्रकाशित। मलयालम में चार उपन्यासों के अतिरिक्त डॉ. नरेंद्र कोहली के 11 उपन्यास, रवींद्रनाथ ठाकुर की संपूर्ण कहानियाँ, ‘गोरा’ उपन्यास, संदीप वसलेकर की ‘नए भारत का निर्माण’, अनिल माधव दवे की ‘छत्रपति शिवाजी : सुशासन का नमूना’ आदि का मलयालम में अनुवाद किया है। केंद्रीय सरकार हिंदीतर भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार तथा साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार से सम्मानित।