सुपरिचित लेखिका चित्रा गर्ग बरसों से लेखन से जुड़ी हैं। प्रारंभ में कुछ वर्षों तक पत्र-पत्रिकाओं में लेख तथा कहानियाँ लिखने के पश्चात् पुस्तक लेखन की ओर रुख किया। अब तक 600 लेखों के अतिरिक्त उनकी 72 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। वह विविध विषयों, जैसे बाल साहित्य, जीवनी, मार्शल आर्ट, विज्ञान, यात्रा, बाल मनोविज्ञान, कॅरियर तथा पारिवारिक विषयों पर पुस्तकें लिख चुकी हैं। वर्ष 1999 में हिंदी अकादमी, दिल्ली सरकार द्वारा उन्हें ‘बाल साहित्य सम्मान’ तथा वर्ष 2000 में सूचना व प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार’ प्रदान किया गया। उन्होंने बाल पत्रिका ‘बाल मंच’ का संपादन तथा पारिवारिक पत्रिका ‘जाह्नवी’ का सह संपादन किया है। दूरदर्शन के लिए लघु फिल्मों व कार्यक्रमों का निर्माण-निर्देशन व लेखन कर चुकी हैं।वह अमेरिका, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड तथा दक्षिण अफ्रीका सहित 30 देशों का भ्रमण कर चुका है। उन्हें फोटोग्राफी व बागवानी में रुचि है। वह ईश्वर में आस्था रखती हैं, पर पूजा-पाठ में नहीं। उनकी प्रेरणा उनके पिता श्री जीत प्रकाश अग्रवाल हैं, जिनका अल्पायु में निधन हो गया था।