दीपक महान
खुशियाँ बाँटने को जीवन का परम ध्येय माननेवाले दीपक महान वृत्तचित्र निर्देशक व खेल उद्घोषक होने के साथ-साथ एक निर्भीक विचारक भी हैं, जिन्हें अपने उसूलों और बेबाकी के कारण कई कठिनाइयाँ झेलनी पड़ीं। लेकिन सत्य, अहिंसा और इनसानियत के उपासक होने के नाते वे सामाजिक कुरीतियों और ताकतों के खिलाफ कभी झुके नहीं।
प्रतिष्ठित समाचार-पत्र ‘द हिंदू’ में लंबे समय से फिल्म-लेखन के अलावा दीपक महान के विभिन्न सामाजिक विषयों पर हिंदी-अंग्रेजी के लगभग 1800 लेख देश-विदेश के सम्मानीय समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं एवं वेबसाइटों पर प्रकाशित हैं। लगभग 70 वृत्तचित्र एवं लघु फिल्मों की पटकथाओं का लेखन तथा 25 का सृजन, जिनमें से कई अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत। काव्य-संग्रह ‘मुकद्दस गुनाह’ शीघ्र प्रकाश्य। ‘कभी-कभी’, ‘चाँदनी’, ‘बाजार’, ‘सिलसिला’ और ‘कहो न प्यार है’ जैसी प्रसिद्ध हिंदी फिल्मों के लेखक सागर सरहदी का कहना है कि ‘हर कोई जो इस किताब को पढ़ेगा, वह बेहद खुशनसीब होगा, क्योंकि उस शख्स की फिल्मी दुनिया की बहुत सी मशहूर हस्तियों के साथ एक नई पहचान बनेगी।’
इ-मेल : mahaandeepak@gmail.com