बिहार के जमुई जिला के दरखा गाँव, थाना सिकंदरा, प्रखंड इस्लामनगर अलीगंज में श्री धनेश्वर प्रसाद का जन्म 1963 में हुआ था। पटना विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात् असम से अर्थशास्त्र के अध्यापक के रूप में अध्यापन शुरू किया। वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय, दानापुर कैंट में अर्थशास्त्र के अध्यापक हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत केंद्रीय विद्यालय संगठन में अध्यापक के रूप में कार्य करते हुए इन्हें देश के विभिन्न राज्यों में जाने का मौका मिला। फलस्वरूप ‘विविधता में एकता’ के साक्षात् दर्शन किए। अबतक इनकी तीन रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं। उसमें ‘क्या भारत फिर गुलाम होगा?’ (कविता-संग्रह), ‘जीवन परिचय’ (जीवनी) एवं ‘बंदरगाँव’ (कहानी-संग्रह), भारत सरकार, शिक्षा विभाग द्वारा अनुशंसित हैं। 100 से अधिक लेख एवं कहानियाँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। ‘शराबबंदी : एक फौलादी फैसला’ इनकी चौथी रचना है।
सम्मान : अखिल भारतीय अंगिका भाषा सम्मान, बिहार सरकार (2003), महात्मा ज्योतिराव फुले सम्मान, दिल्ली (1998), पटना पुस्तक मेला में प्रथम स्थान (कविता प्रतियोगिता) 2009, कौटिल्य परिषद् सम्मान, पटना विश्वविद्यालय (1984), ‘युवा संसद्’ प्रतियोगिता में संसदीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार (1998) द्वारा प्रथम, ‘स्वच्छता दूत’ नामक एकांकी दूरदर्शन द्वारा चयनित एवं प्रसारित, 2016।