दिलीप कà¥à¤²à¤•à¤°à¥à¤£à¥€1978 में इंजीनियर की डिगà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¥¤ 1978 से 1984 तक पà¥à¤£à¥‡ में बडे़ औदà¥à¤¯à¥‹à¤—िक संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ ‘टेलà¥à¤•à¥‹’ में अपनी सेवा दी। सेवानिवृतà¥à¤¤ होकर 1984 से 1993 तक कनà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ के विवेकानंद केंदà¥à¤° का कारà¥à¤¯à¤à¤¾à¤°, मराठी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ विà¤à¤¾à¤— का उतà¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤¤à¥à¤µ, ‘विवेक विचार’ पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ का संपादन किया। 1993 से ‘परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£’ के साथ सचà¥à¤šà¥€ तरह से जीने की लगन लिये कोंकण के देहात में सपरिवार सामाजिक विषयों पर वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾à¤¨ देने तथा मराठी-अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में सतà¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤£ लेखन में संलगà¥à¤¨à¥¤
पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¨ : ‘वैदिक गणित : à¤à¤¾à¤— 1 से 4’, मराठी में परà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¤£ विषयक सात पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶à¤¿à¤¤à¥¤ जगदीशचंदà¥à¤° बसॠकी जीवनी मूल मराठी में लिखी गई। अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥€ में ‘Ahead to Nature’, ‘Green Messages’, ‘Saffron Thinking-Green Living’ का लेखन।
विगत दस वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ से मासिक पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ ‘गतिमान संतà¥à¤²à¤¨’ का संपादन।