धनंजय न. देशपांडे
सन् 1980 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से पी-एच. डी. की उपाधि प्राप्त की, तदुपरांत वहीं पर वरिष्ठ शोध अधिकारी के पद पर 'औषधीय एवं सुगंधीय वनस्पतियों का कीटनाशक के तौर पर उपयोग' विषय पर अनुसंधान।
राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय शोध नियतकालिकों मेंकेवल पाँचवर्षोमें तेईस से भी ज्यादा अनुसंधान शोध-प्रबंध प्रकाशित ।
सन् 1986 में नोबल सिरैमिक प्रालि नामक सिरैमिक व रिफ्रेक्टरी उद्योग तथा 1992 में वेंकटेश्वर प्रोजेक्ट कंसल्टेंसी प्रालि नामक सलाहकार कंपनी की स्थापना।
सन् 1998 का लघु उद्यत श्रेणी का रार्ष्ट्राय उद्योग शिरोमणि'. 2000 का 'हिंद गौरव' तथा 'मिलेनियम पर्सन पुरस्कार' से पुरस्कृत। सन् 2000 में 'औषधीय एवं सुगंधीय वनस्पतियों की व्यावसायिक कृषि' नामक पुस्तक मराठी भाषा में प्रकाशित।