डॉ. जी. एल. शर्मा समाजशास्त्री, कानूनविद्, लेखक, काउंसलर, मोटिवेशनल गुरु एवं प्रशासक के रूप में बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। आपने समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, राजनीतिशास्त्र, मानवाधिकार एवं विधि में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। समाजशास्त्र में आप नेट, स्लेट एवं पी-एच.डी. हैं। आपकी दो दर्जन से अधिक पुस्तकें नामचीन प्रकाशकों (रावत, उपकार, प्रभात, राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी, यूनिवर्सिटी बुक हाउस इत्यादि) से प्रकाशित हो चुकी हैं। आपके 50 से अधिक लेख एवं शोध-पत्र विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय जर्नल तथा पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। सामाजिक मुद्दों एवं अन्य विभिन्न विषयों पर आयोजित दो दर्जन से अधिक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनारों में आप शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं। इस हेतु आप स्वीडन, डेनमार्क, नार्वे, फिनलैण्ड एवं नेपाल की यात्राएं कर चुके हैं। नर्सिंग प्रोफेशन से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले डॉ. शर्मा निरन्तर अध्ययन-अध्यापन के दौरान सिविल सेवा प्रतियोगी परीक्षाओं के निःशुल्क मार्गदर्शन से जुडे़ रहे हैं। आप आर.ए.एस. अलाइड सर्विस (राजस्थान एक्साइज) में सेवारत रहते हुए राजस्थान आबकारी सेवा संघ (राजस्थान एक्साइज सर्विस ऑफिसर्स एसोसिएशन) के प्रदेश अध्यक्ष रहे। आपने राजस्थान वाणिज्यिक कर विभाग में भी कनिष्ठ वाणिज्यिक कर अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं। डॉ. शर्मा अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका पैनासीआ इन्टरनेशनल रिसर्च जर्नल के संस्थापक तथा अवैतनिक मार्गदर्शक हैं। सम्प्रति आप राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारी के रूप में उप जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं।