महेंद्र भानावत
राजस्थान, उदयपुर के छोटे से गाँव कानोड़ में 13 नवंबर, 1937 को जन्म।
डॉ. भानावत ने देश के विभिन्न प्रांतों में भ्रमण कर वहाँ की कलाधर्मी जातियों, लोकानुरंजनकारी प्रवृत्तियों, जनजाति सरोकारों तथा कठपुतली, पड़, कावड़ जैसी विधाओं पर खोजपूर्ण लेखन कर सौ से अधिक प्रकाशन दिए हैं। लोककला, रंगायन, ट्राइब, रंगयोग, पर्यटन दिग्दर्शन, पीछोला, सुलगते प्रश्न जैसी शोध पत्रिकाओं का संपादन करने के साथ ही डॉ. भानावत ने कई समाचार-पत्रों में स्तंभकार के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। देश की 500 से अधिक पत्र-पत्रिकाओं में उनके दस हजार से अधिक आलेख छप चुके हैं।
साहित्यवारिधि, लोककला मनीषी, सृजन विभूति, लोकसंस्कृति रत्न, श्रेष्ठकला आचार्य जैसे सम्मानों, स्वर्ण-रजत पदकों से सम्मानित डॉ. भानावत राजस्थान की संगीत नाटक अकादमी, राजस्थानी साहित्य भाषा, साहित्य संस्कृति अकादमी, जवाहर कलाकेंद्र, पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के सदस्य एवं फेलो रह चुके हैं।
निवास : 352, श्रीकृष्णपुरा, सेंटपॉल स्कूल के पास, उदयपुर-313001
मोबाइल : 9351609040