डॉ. प्रेमचंद्र स्वर्णकार
शिक्षा : बी.एस-सी., एम.बी.बी.एस., एम.डी. (पैथोलॉजी)।
प्रकाशन : ‘नहीं, यह व्यंग्य नहीं है’, ‘मीटिंग चालू आहे’ (व्यंग्य-संग्रह), ‘टुकड़ा-टुकड़ा सच’ (लघुकथा-संग्रह)। हिंदी में एड्स पर लिखी प्रथम पुस्तक ‘महारोग एड्स’ अत्यंत चर्चित हुई। इसके अलावा चिकित्सा विज्ञान पर 30 पुस्तकें एवं 15 पुस्तिकाएँ प्रकाशित। हिंदी भाषा में चिकित्सा विज्ञान की महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ आम लोगों तक पहुँचाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य-शिक्षण का भी कार्य। अब तक स्वास्थ्य संबंधी लगभग 2000 लेख प्रकाशित। समाज सेवा में भी रुचि।
पुरस्कार-सम्मान : अब तक प्रकाशित पुस्तकों पर ग्यारह राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त। ‘महारोग एड्स’ एवं ‘रोगों से कैसे बचें’ नामक पुस्तकों पर दो बार ‘डॉ. मेघनाद साहा राष्ट्रीय पुरस्कार’। इसके अलावा राजभाषा विभाग का ‘आर्यभट्ट पुरस्कार’ एवं तीन बार मौलिक लेखन के लिए मान. राष्ट्रपतिजी द्वारा सम्मानित।
संप्रति : पूर्व प्रथम श्रेणी चिकित्सा विशेषज्ञ, म.प्र. स्वास्थ्य सेवाएँ। म.प्र. लेखक संघ, दमोह इकाई के पूर्व अध्यक्ष, हेल्थ और न्यूट्रिशन पत्रिका, मुंबई के विशेषज्ञ सलाहकार।