डॉ. आर. के. नीरद वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, जनजातीय कला एवं संस्कृति के गहरे जानकार और आर.टी.आई. एक्टिविस्ट हैं। 1994 से ‘प्रभात खबर’ से संबद्ध हैं और हरिवंशजी के सान्निध्य-निर्देशन में दो दशक से ज्यादा समय तक पत्रकारिता की। इसी अवधि में आकाशवाणी, दूरदर्शन, साधना न्यूज, सहारा और न्यूज-11 जैसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए भी काम किया। साहित्यिक पत्रिका ‘नई प्रतिभा’, ‘नए स्वर’ एवं ‘ऋचा’ तथा पाक्षिक समाचार-पत्र ‘झारखंड संदेश’ का संपादन किया। आदिवासी चित्रकला अकादमी, दुमका एवं दुमका प्रेस क्लब के अध्यक्ष और भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, दुमका के मानद सचिव रहे। संताल जनजाति की लुप्तप्राय रैखिक थाती ‘जादोपटिया पेंटिंग’ और फिर ‘बैद्यनाथ पेंटिंग’ इनकी दो बड़ी खोज हैं। आर.टी.आई. पर लघु-शोध के लिए झारखंड सरकार से मीडिया फेलोशिप, ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल इंडिया से फेलोशिप तथा कई संगठनों से अवार्ड। संताल जनजातीय संस्कृति पर अध्ययन के लिए सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, झारखंड सरकार से फेलोशिप।
हरिवंशजी की पत्रकारिता पर शोध-कार्य के लिए इन्हें 2017 में झारखंड के एस.के.एम. विश्वविद्यालय, दुमका ने डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। हरिवंशजी पर यह प्रथम पुस्तक है।
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