डॉ. रवींद्र अग्रवाल 1980 से सक्रिय पत्रकार हैं। बहुभाषी संवाद समिति ‘हिंदुस्थान समाचार’ से पत्रकारिता जीवन की शुरुआत कर अमर उजाला, राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण आदि में महत्त्वपूर्ण संपादकीय दायित्वों का निर्वाह किया। खेती व किसानों को समर्पित पत्रिका ‘कृषि मंगल’ के संस्थापक संपादक रहे। ‘हरियाणा संवाद’ व ‘कृषि संवाद’ के सलाहकार संपादक रहे। संप्रति त्रैमासिक पत्रिका ‘मंगल विमर्श’ के संयुक्त संपादक हैं और कृषि व आर्थिक विषयों पर ‘लोकसभा टी.वी.’ पर चर्चा में भाग लेते हैं। विभिन्न सामाजिक व आर्थिक विषयों पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित।
मेरठ विश्वविद्यालय से 1973 में हिंदी में एम.ए. किया और 1981 में ‘ब्रजभाषा के रीतिकालीन ऐतिहासिक चरित काव्य’ विषय पर पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। दैनिक ‘राष्ट्रीय सहारा’ में 1993 में नई आर्थिक नीतियों के संदर्भ में ‘भारत गुलामी की ओर’ विशेष आलेख शृंखला का संयोजन किया। उदारीकरण की नीतियों के संदर्भ में दो पुस्तिकाएँ लिखीं— ‘साम्राज्यवादी शिकंजा’ व ‘बचत संस्कृति बनाम उपभोक्तावाद’। बंसीलाल लाइफ ऐंड टाइम का हिंदी में एवं इनोवेशन इन एडमिनिस्टे्रशन—भरत मीणा, आई.ए.एस. का हिंदी में अनुवाद। वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने नचिकेता प्र्रतिष्ठान द्वारा स्थापित ‘रामस्वरूप सम्मान’ प्रदान किया।