डॉ. सरस्वती बाली का जन्म 30 अक्तूबर, 1943 को हैदराबाद सिंध (अब पाकिस्तान) में हुआ। पाकिस्तान बनने पर वे भारत में आकर दिल्ली में बस गईं। उन्होंने एस.आर.एस.डी. स्कूल से हायर सेकंडरी (प्रथम श्रेणी), लेडी श्रीराम कॉलेज से संस्कृत ऑनर्स (प्रथम श्रेणी) तथा उसी कॉलेज से एम.ए. संस्कृत (प्रथम श्रेणी) उत्तीर्ण कर दिल्ली विश्वविद्यालय से संस्कृत में पी-एच.डी. की। 41 वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय के कालिंदी कॉलेज में संस्कृत अध्यापन कार्य तथा इसी दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में वेद विषय का भी अध्यापन किया। अब तक उनकी दस पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें से ‘बृहस्पति इन द वेदाज एंड द पुराणाज’, ‘सायणाज उपोद्घात टु द तैत्तिरीय संहिता एंड द ऋग्वेद संहिता’, ‘वेदार्णवमंथन’ शोधग्रंथ हैं। ‘महाभारत सूक्तिसमुच्चय’ सूक्ति-संग्रह है, जिसका उन्होंने हिंदी तथा अंग्रेजी में अनुवाद किया। ‘बालसमुल्लासः’ संस्कृतभाषा में बाल-कहानियाँ, ‘हितोपदेशकथानाव्यम्’ हितोपदेश की कहानियों पर आधारित संस्कृत में बालोपयोगी नाटक, ‘सुहिणा गुल’ सिंधी भाषा में बालकहानियाँ हैं। हिंदी भाषा में चार कहानी-संग्रह प्रकाशित— ‘दीवान मूलराज का न्याय’, ‘खुशी के पल’, ‘टिम-टिम तारे’ तथा वर्तमान कहानी संग्रह ‘51 रोचक बाल कहानियाँ’।