डॉ० पुष्करणा 47 वर्षों से अधिक समय से लघुकथा सृजन में जुटे हैं। अब तक इनके सात एकल लघुकथा संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जबकि 2 दर्जन से अधिक लघुकथा संग्रह की पुस्तकों का इन्होंने संपादन किया है।