डॉ. शै़ख अ़कील अहमद समकालीन उर्दू आलोचकों में एक प्रमुख और विशिष्ट स्थान रखते हैं। उनका छात्र-जीवन बहुत ही शानदार और उपलब्धियों से भरा रहा है। उन्होंने दिल्ली से ही एम.फिल. और
पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। उन्हें ‘गालिब पुरस्कार’, ‘ख्वाजा अहमद फारूकी गोल्ड मेडल’, ‘अर्श मल्सियानी गोल्ड मेडल’ और ‘उर्दू अकादमी पुरस्कार’ से सम्मानित किया जा चुका है। वह वर्तमान में राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद् (शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार) के निदेशक हैं। इससे पहले सत्यवती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में सह-आचार्य रहे हैं। उनकी उर्दू आलोचना पर पंद्रह पुस्तकें और हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में सौ से अधिक लेख प्रकाशित हो चुके हैं।