प्रखर भौतिकशास्त्रीक डॉ. गाणेशन वेंकटरमन ने पचास के दशक में भाभा ऐटामिक रिसर्च सेंटर, मुंबई में अपना कैरियर प्रारंभ किया; तत्पश्चात् एक दशक से अधिक समय तक इंदिरा गांधी सेंटर फॉर ऐटामिक रिसर्च, कलपक्कम में कार्यरत रहे। वे लंबे समय तक हैदराबाद में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन में सेवारत थे। उन्होंने सीवी रमन की खोज-शोधों के काम को आगे बढ़ाया है। वे इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी और इंडियन एकेडमी ऑफ साइंसेज के फैलो हैं और इंडियन फिजिक्स हु एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं।
सन् 1979 में उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा ' सर सी. वी. रमन सम्मान ' प्रदान किया गया। वे सन् 1984 से 1986 तक नेहरू ( फाउंडेशन की जवाहरलाल नेहरू फैलोशिप के, फैलो रहे। सन् 1991 में उन्हें पद्मश्री से विभूषित किया गया। विज्ञान को लोकप्रिय बनाने में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें सन् 1994 में इंडियन नेशनल साइंस एकेडमी द्वारा 'इंदिरा गांधी सम्मान' से - विभूषित किया गया। सेवानिवृत्त होने के बाद वे श्री सत्य साईं शिक्षा संस्थान के उपकुलपति' के पद पर भी रहे।
डॉ. वेंकटरमन ने अनेक लेख व शोध-पत्र लिखे हैं, जो देश-विदेश के प्रमुख विज्ञान जर्नलों में प्रकाशित हुए हैं। सर सीवी रमन पर लिखी उनकी पुस्तक अत्यंत चर्चित और प्रशंसित हुई। संप्रति वे श्री सत्य साईं संस्थान से जुड़े हैं।