प्रो. गिरीश कुमार ने आई.आई.टी. कानपुर से विद्युत् अभियांत्रिकी में वर्ष 1983 में पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त की। तत्पश्चात् वे दो वर्ष तक कनाडा के मेनिटोबा विश्वविद्यालय में रिसर्च एसोसिएट एवं 1985 से 1991 तक अमेरिका की नॉर्थ डकोटा विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर रहे। वर्तमान में वे आई.आई.टी. मुंबई के विद्युत् अभियांत्रिकी विभाग में प्रोफेसर हैं। उनके कार्य के प्रमुख क्षेत्र हैं—माइक्रोस्ट्रिप एंटिना और अॅरे, ब्रॉडबैंड एंटिना, सूक्ष्म तरंग समेकित सर्किट एवं सिस्टम। प्रो. गिरीश कुमार ने 5 पेटेंट दर्ज किए हैं। 250 से अधिक शोधपत्र शोध पत्रिकाओं और संगोष्ठियों में प्रकाशित किए हैं। एक दशक से सेलफोन एवं सेलफोन टॉवर विकिरण से होनेवाले दुष्प्रभावों पर अध्ययन कर रहे हैं तथा इस पर उन्होंने कई प्रतिवेदन प्रकाशित किए हैं।