हसमुख शाह गुजरात ही नहीं, पूरे भारतवर्ष एवं विदेश के प्रबुद्ध वर्ग में जाना-माना नाम है। भारत के तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों क्रमशः मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह तथा इंदिरा गांधी के साथ कार्य किया।
सिंहासन के इर्द-गिर्द रहने के बावजूद उनका नाम न किसी विवाद में उछला, न ही उन पर कोई छींटाकशी हुई। अस्सी-नब्बे के दशक में पेट्रोकेमिकल उत्पादनों की सार्वजनिक क्षेत्र की सफल कंपनी आई.पी.सी.एल. का सालों तक कुशल नेतृत्व किया और कंपनी को अंतरराष्ट्रीय ऊँचाई प्रदान की।
आरंभिक वर्षों में प्राध्यापक के तौर पर अध्यापन और तत्पश्चात् महात्मा गांधी के समग्र जीवन-कार्य का संपादन उनकी सोच-समझ, सूझ-बूझ और जीवनशैली की बुनियाद रहे।
इतिहास, शिक्षा, कला, पर्यावरण और समाज सेवा उनकी रुचि के विषय और कार्य रहे हैं। आयु के आठवें दशक में भी सक्रिय रूप से रचनात्मक कार्यों से जुड़े रहे।