जगदीश नारायण सिंह
धनबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ माइंस में माइनिंग इंजीनियरिंग के कोर्स में दाखिला लेने के लिए ‘अखिल भारतीय प्रतियोगिता परीक्षा’ में शामिल हुए और द्वितीय और प्रथम श्रेणी प्रबंधन योग्यता परीक्षा में पास हुए। इस बीच कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और झारखंड हाई कोर्ट, राँची में ‘वकील’ बने। कलकत्ता यूनिवर्सिटी से ‘सोशल वर्क’ में एक साल का ‘पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा कोर्स’ प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया। कोल इंडिया लिमिटेड में सहायक कंपनियों के निदेशक (कार्मिक) के तौर पर सेवानिवृत्त हुए। अनेक राष्ट्रीय व्यावसायिक निकायों के सक्रिय सदस्य हैं। सौ से अधिक लेख प्रकाशित; जिनमें लगभग तीस हिंदी में हैं। तकनीकी और व्यावसायिक पुस्तकें भी लिखी हैं। चार खंडों की एक पुस्तक-शृंखला ‘कोल माइनिंग एंड मैनेजमेंट’ प्रकाशित। जिसमें ‘प्रबंधन’, ‘कानून’ और ‘सुरक्षा’ पर अध्याय हैं। अंग्रेजी में लिखे चार खंडों को उनकी सहायता और मार्गदर्शन में हिंदी में दो खंडों में संक्षिप्त रूप दिया गया है। अनेक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संस्थानों में गेस्ट फैकल्टी हैं। सब बातों के अलावा जीवन भर अंग्रेजी भाषा के छात्र और शिक्षक रहे हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हिंदी के माध्यम से अंग्रेजी के प्रचार के लिए समर्पित हैं।