Prabhat Prakashan, one of the leading publishing houses in India eBooks | Careers | Events | Publish With Us | Dealers | Download Catalogues
Helpline: +91-7827007777

Jagmohan Singh Rajput

Jagmohan Singh Rajput

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में सन् 1943 में जनमे प्रो. जगमोहन सिंह राजपूत ने प्रयाग विश्‍वविद्यालय से 1962 में भौतिकी में स्नातकोत्तर की उपाधि अर्जित करके 2002 में शिक्षा में डी.लिट. की मानद उपाधि प्राप्त की। उनके भौतिकी के शोध-पत्रों ने उन्हें सन् 1974 में पूर्ण प्रोफेसर पद पर नियुक्‍त‌ि दिलाई। भारत सरकार में संयुक्‍त शिक्षा सलाहकार (1989-94), राष्‍ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद्, एन.सी.टी.ई. के अध्यक्ष (1994-99) तथा एन.सी.ई.आर.टी. के निदेशक पदों पर रहे प्रो. राजपूत अपने कार्यों के लिए सराहे गए तथा आलोचनाओं से कभी दूर नहीं रहे। पाठ्यक्रम परिवर्तन के लिए जो दृढ़ता तथा आत्मविश्‍वास उन्होंने पाँच वर्षों में अपने विरोधियों को निरुत्तर करने में दिखाया उसकी सराहना विरोधियों ने भी की। अनुशासन, समय-पालन तथा कार्य में गुणवत्ता लाने के सजग पक्षधर प्रो. राजपूत ने अनेक विषयों पर शोध कराए तथा पुस्तकें लिखी हैं। इनमें कविताओं की पुस्तक भी शामिल है। इधर के वर्षों में उन्होंने हिंदी तथा अंग्रेजी में सौ से अधिक लेख लिखने के साथ-साथ अंतरराष्‍ट्रीय शोध पत्रिकाओं में शोध-पत्र लिखे तथा अतिथि संपादक रहे। श्रेष्‍ठ शोध तथा नवाचार के लिए यूनेस्को ने उन्हें सन् 2004 में जॉन एडम कोमेनियस पदक के लिए चुना। वे मूल्यों की शिक्षा, सामाजिक सद‍्भाव तथा शिक्षा में धर्म के मूलभूत तत्त्वों की जानकारी के पक्षधर हैं।

Books by Jagmohan Singh Rajput