जन्म : 23 जनवरी, 1888 को जसरापुर, राजस्थान में।
पद्मभूषण से अलंकृत पं. झाबरमल्ल शर्मा उन मनीषियों में थे, जिनका हिंदी पत्रकारिता एवं साहित्य चिर ऋणी रहेगा।
कृतित्व : सन् 1905 में पत्रकारिता में प्रवेश किया और छह दशकों से अधिक तक सक्रिय रहे। ‘ज्ञानोदय’ (कोलकाता), ‘कलकत्ता समाचार-पत्र’ (कोलकाता), ‘भारत’ (मुंबई), ‘मारवड़ी’ (नागपुर), ‘हिंदू संसार’ सहित अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया। वे ऐसे शीर्ष मनीषी पत्रकार थे, जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन देश, समाज तथा हिंदी साहित्य को समर्पित कर दिया।
दिवंगत पत्रकारों तथा साहित्यकारों की कीर्ति-रक्षा के अनुष्ठान में जीवन के चार-पाँच अत्यंत सृजनशील दशक अर्पित कर दिए।
बालमुकुंद गुप्त स्मारक ग्रंथ, माधव मिश्र निबंध माला, बालमुकुंद गुप्त निबंधावली तथा पं. चंद्रधर शर्मा गुलेरी गरिमा ग्रंथ सहित अनेक महत्त्वपूर्ण स्मृति ग्रंथों का प्रकाशन-संपादन किया। हिंदी के अध्येताओं के लिए 6,000 पुस्तकों एवं पत्र-पत्रिकाओं का संग्रह धरोहर के रूप में अर्पित किया। 20 मार्च, 1982 को तत्कालीन राष्ट्रपति श्री नीलम संजीव रेड्डी ने उन्हें ‘पद्भूषण’ से अलंकृत किया।
कीर्तिशेष : 4 जनवरी, 1983