मलयालम, हिंदी, संस्कृत एवं अंग्रेजी में कई ग्रंथ और आलेख प्रकाशित। ‘गणित के अद्भुत मनीषी श्रीनिवास रामानुजन’ शीर्षक हिंदी में लिखे ग्रंथ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार और श्री शंकराचार्य की चिंता पद्धति पर मलयालम में लिखे ग्रंथ के लिए ‘वेल्लालंतु परमेश्वरन नंबूतिरी साहित्य पुरस्कार’ प्राप्त।
‘अ न्यू एप्रोच टु प्रैक्टिकल हिंदी ग्रामर’ शीर्षक अंग्रेजी में लिखित ग्रंथ विशेष चर्चित। बालोपयोगी रचनाओं में ‘गणित का जादूगर’ ग्रंथ विशेष उल्लेखनीय है।
इसके अतिरिक्त आप भूतपूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष, यूनिवर्सिटी कॉलेज, तिरुवनंतपुरम्; अंशकालिक काउंसलर, इग्नू; अतिथि-प्राध्यापक, केरल विश्वविद्यालय और श्री शंकराचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय; गैर-सरकारी सदस्य, हिंदी सलाहकार समिति, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।