काजल ओझा वैद्य गुजराती साहित्यिक जगत् का एक विशिष्ट नाम है, जिन्होंने मीडिया, थिएटर, टेलीविजन और रेडियो पर विविध भूमिकाएँ निभाई हैं।
केवल सात वर्षों में उन्होंने 56 पुस्तकें लिखी हैं, जिनमें उपन्यास, कहानी-संग्रह, कविता, निबंध, नाटक आदि शामिल हैं। गुजरात युनिवर्सिटी एवं अमेरिका और लंदन की युनिवर्सिटी में आप विजिटिंग फेकल्टी हैं। स्क्रीस्ट राइटिंग एवं ब्राडिंग के विषय पढ़ाती हैं। टेलिविजन के अनेक सफल सीरियल गुजराती एवं हिंदी में सफल धारावाहिक लिखे हैं। उनकी लिखी फिल्म ‘सप्तवदी’ देश-विदेश के फिल्म फेस्टिवल्स में सराही गई, उनके लिखे नाटक जैसे कि ‘परफेक्ट हसबंड’, ‘सिल्वर ज्युबिली’ के शो अमेरिका, लंदन, अफ्रीका और दुबई में हो चुके हैं।
उन्होंने अनेक लघु फिल्मों में दिग्दर्शन एवं अभिनय किया है।
‘प्रभात खबर’, ‘दिव्य भास्कर’, ‘गुजरात मित्र’, ‘फूलछाब-कच्छमित्र’, ‘मुंबई समाचार’ में उनके कॉलम अति लोकप्रिय हैं। ‘चित्रलेखा’ में उनके लिखे उपन्यास धारावाहिक रूप से चलते है