Shri Kalraj Mishra is in the social and political life for a period of more than forty years. During this period he has held numerous posts and positions within Bharatiya Janata Party (BJP), Parliament and U.P. Assembly. He has been minister in U.P. Government. At present he is national Vice-President of BJP and a member of U.P. Legislative Assembly from Lucknow. In his long innings whatever he did is an indelible mark-a stamp of achievement by sheer discipline and hard work. As a Rajya Shabha member he introduced 15 private Member bills of which two namely—The Commercial Advertisement on Electronic Media (Regulations) Bill 2005 and The Voluntary Organization Regulatory Authority Bill 2006 did come up for discussion in Rajya Sabha.
As Chairman of Committee on Subordinate Legislation, he was always keen in sharing views to give the proposals to give legal shape. He has always contributed as Parliamentarian with his vast experience and scholarly advice. In this book he has expressed his views on judicial accountability and has analyzed various problems being faced by Judiciary.
पं. कलराज मिश्र पिछले पाँच दशक से भारतीय राजनीति में सक्रिय हैं। राष्ट्रवाद व समरसता हेतु एकात्म मानववाद उनकी राजनीतिक आस्था के मूल मंत्र रहे हैं। सन् 2014 में श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एन.डी.ए. सरकार के गठन के पश्चात् वे केंद्र सरकार में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्री बनाए गए। मंत्री के रूप में उनके मार्गदर्शन में एम.एस.एम.ई. सेक्टर ने अनेक उपलब्धियाँ प्राप्त कीं। उनका सदैव यह प्रयास रहा कि एम.एस.एम.ई. सेक्टर के विकास हेतु सरकार की नीतियाँ व कार्यक्रम देश के दूर-दराज के उपेक्षित क्षेत्रों में रह रहे लोगों तक पहुँचें। उनकी उपलब्धियों को देखते हुए उन्हें जुलाई 2019 में हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल मनोनीत किया गया।
स्वभाव से सरल व मृदुभाषी मिश्रजी अपने लेखन के माध्यम से देश की आर्थिक एवं सामाजिक समस्याओं पर आवाज उठाते रहे हैं। उनके द्वारा लिखित पुस्तकें ‘Judicial Accountability’ व ‘हिंदुत्व : एक जीवन शैली’ काफी लोकप्रिय रही हैं।