जन्म : 10 नवंबर, 1934 को इलाहाबाद में।
शिक्षा : बी.ए., एल-एल.बी., (इलाहाबाद विश्वविद्यालय से), चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से डी.लिट्. की मानद उपाधि।
कार्यक्षेत्र : महामहिम राज्यपाल पश्चिम बंगाल।
न्याय क्षेत्र : इलाहाबाद उच्च न्यायालय में वर्ष 1956 से अधिवक्ता रहे। वर्ष 1987-1988 तथा 1988-1989 में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष। वर्ष 1989 में न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता निर्दिष्ट। सिविल, संवैधानिक तथा चुनाव विधि में विशेषज्ञ।
राजनीति : वर्ष 1977 से 1980 तक तथा 1989 से 2007 तक विधान सभा के सदस्य। उत्तर प्रदेश विधान सभा के तीन बार अध्यक्ष (30 जुलाई, 1991 से 15 दिसंबर, 1993 तक 27 मार्च, 1997 से मार्च, 2002 तक तथा मार्च 2002 से 19 मई, 2004 तक)। उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री। कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन की उत्तर प्रदेश शाखा के तीन बार अध्यक्ष। अनेक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में सक्रिय भागीदारी।
साहित्यिक : उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष। अनेक साहित्यिक संस्थाओं से संबद्ध। अनेक देशों में आयोजित कवि सम्मेलनों व साहित्यिक गोष्ठियों की अध्यक्षता व भागीदारी। इंग्लैंड व सूरीनाम में आयोजित विश्व हिंदी सम्मेलन में भागीदारी।
सम्मान-पुरस्कार : ‘भारत गौरव सम्मान’, ‘विश्व भारती सम्मान’, ‘उत्तर प्रदेश रत्न’, ‘साहित्य वाचस्पति सम्मान’, ‘ अभिषेक श्री’, ‘बागेश्वरी सम्मान’, ‘चाणक्य सम्मान’ (कनाड़ा में), ‘काव्य कौस्तुभ सम्मान’ आदि अनेक सम्मानों से विभूषित।
विदेश-यात्रा : विश्व के लगभग 29 देशों की यात्राएँ।
प्रकाशन : ‘मनोनुकृति’, ‘आयु-पंख’, ‘चिरंतन’, ‘उन्मुक्त’, ‘मौन और शून्य’ (हिंदी में काव्य-संग्रह), ‘निर्मल दोहे’, ‘दि इमेजेज’ (अंग्रेजी भाषा में ‘मनोनुकृति’ का अनुवाद) तथा ‘दि रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल ऐक्ट’, 1951 पर अंग्रेजी में व्याख्यात्मक पुस्तक।