जन्म : सन् 1940 में बहराइच (उ.प्र.) में।
शिक्षा : बी.टेक. (आई.आई.टी., मद्रास), पी-एच.डी. (यू.के.)।
कृतित्व : ‘मैं अभी मरा नहीं’, ‘चिंतन बना लेखनी मेरी’, ‘लेकिन पहले इंसान बनो’, ‘एक त्रिवेणी ऐसी भी’ (कविता संग्रह); ‘अक्षर-अक्षर गीत बने’ (गीत संग्रह); ‘भाषा, साहित्य एवं राष्ट्रीयता’ (निबंध संग्रह)।
संपादित पुस्तकें : धनक, गीतांजलि पोएम्स फ्रॉम ईस्ट एंड वेस्ट, आएसिस पोएम्स, काव्य तरंग, मल्टीफेथ मल्टी लिंग्वल पोएम्स फॉर पीस एंड टुगेदरनेस (सभी बहुभाषीय कविताएँ अंग्रेजी अनुवाद के साथ); ‘सूरज की सोलह किरणें’ (16 रचनाओं की हिंदी कविताएँ), ‘अपनी उम्मीदों के साथ’ (गीतांजलि समुदाय के 9 कथाकारों का संग्रह)।
सम्मान : चेतना परिषद्, लखनऊ (1999), इमर्ज, यू.के. (2001), प्रवासी भारतीय भूषण सम्मान (2006), महर्षि अगस्त्य सम्मान, रामायण केंद्र, मॉरीशस (2008)।
अन्य उपलब्धियाँ : गीतांजलि बहुभाषीय साहित्यिक समुदाय, बर्मिंघम के संस्थापक। लंदन में आयोजित छठे विश्व हिंदी सम्मेलन की कार्यकारिणी समिति के चेयरमैन।