लक्ष्मीधिया आचार्य
श्रीमती लक्ष्मीप्रिया आचार्य ( ११४८) ने उड़िया में एमए., पी-एच.डी. करने के बाद उड़ीसा सरकार के शिक्षा विभाग में कार्य किया। सरकारी कॉलेजों में उड़िया अध्यापन के बाद आप संप्रति महिला महाविद्यालय, पुरी में अध्यापिका हैं। आप बचपन से कहानियाँ लिखती रही हैं। अब तक आपके तीन उपन्यास और चार कथा संकलन प्रकाशित हो चुके हैं तथा अनेक रचनाओं का हिंदी में अनुवाद हो चुका है।
आप सुचरिता, प्रजातंत्र, सुधन्या, सहकार, सृजनी आदि साहित्यिक संस्थाओं द्वारा पुरस्कृत और सम्मानित हो चुकी हैं। आपकी कहानी 'अहल्या' पर निर्मित फीचर फिल्म इंडियन पेनोरमा में ( सन् ११११) चुनी गई।