डॉ. एम. बी. साबणे ( जन्म : 7 जुलाई, 1942) ने पुणे विश्वविद्यालय से एम. एस - सी. तथा पी- एच. डी. ( विद्यावाचस्पति) की उपाधियाँ प्राप्त की हैं । आज वह पुणे की ही राष्ट्रीय रासायनिक प्रयोगशाला में 1965 से बहुलक रसायन विज्ञान विभाग में शोधकार्यरत हैं । उनका शोधकार्य मुख्यत: प्राकृति/ कृत्रिम रबड़ तथा ' पॉलिमर रसायन विज्ञान से संबंधित विविध प्रकार के विषयों से संलग्न है । उनके अपने शोधकार्य पर आधारित कई शोध निबंध अतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक शोध पत्रिकाओं में समय- समय पर प्रकाशित हो चुके हैं ।
उनकी ' प्लास्टिक का इंद्रजाल पुस्तक को सितंबर 1996 में पंद्रह हजार रुपए का द्वितीय पुरस्कार सी. एस. आई. आर., नई दिल्ली से प्राप्त हुआ है । उसके पहले ही कृत्रिम रबड़ - नाइट्राइल रबड़ के विकास के लिए एन. आर. डी. सी., नई दिल्ली पुरस्कार मिला है ।
इंडियन सोसाइटी ऑफ प्लास्टिर ने सोशल अवेरनेंस अवार्ड - 1994 देकर सम्मानित किया है ।
पुणे महानगर पालिका ने 15 अगस्त, 1997, भारत का पचासवाँ स्वातंत्र्य दिन के अवसर पर ' गौरव पदक ' देकर सम्मानित किया ।