7 अगस्त, 1925 को कुंभकोणम (तमिलनाडु) में जनमे प्रोफेसर एम.एस. स्वामीनाथन ने एर्नाकुलम के महाराजा कॉलेज से जीव विज्ञान में बी.एस-सी. की उपाधि प्राप्त की। स्वामीनाथन महात्मा गांधी के आदर्शों से बहुत प्रभावित हुए। द्वितीय विश्व युद्ध के समय अन्न की भयानक कमी से त्राहि-त्राहि मची तो स्वामीनाथन का हृदय पीड़ा से भर गया। इसके लिए उन्होंने विज्ञान का सहारा लेने का मन बनाया और कृषि विज्ञान में बी.एस-सी. की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1947 में स्वतंत्रता के बाद उन्होंने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली में आकर उच्च अध्ययन आरंभ किया और 1949 में कोशिका आनुवंशिकी में विशेष योग्यता के साथ स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1952 में उन्होंने कैंब्रिज से डॉक्टरेट किया। उनकी वैज्ञानिक उपलब्धियों के लिए उन्हें अनेक मान-सम्मान व पुरस्कारों से अलंकृत किया गया है। इनमें ‘विश्व अन्न पुरस्कार’, सामुदायिक नेतृत्व के लिए ‘रमन मैगसेसे पुरस्कार’ व ‘इंदिरा गांधी शांति पुरस्कार’ प्रमुख हैं।