माधव जोशी
मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी जबलपुर में जन्म। आरंभिक शिक्षा जबलपुर के बाद भोपाल में। कक्षा पहली में ही वाक्पटुता के कारण अधिवक्ता का तमगा। बचपन से ही रेखाओं से ऐसा प्यार हुआ कि नाना स्व. रामचंद्र रघुनाथ करंदीकर को गुरु मानकर कलायात्रा की शुरुआत की। ‘नई दुनिया’ में होली पर पहला कार्टून प्रकाशित होने के बाद से अब तक इन्हीं रेखाओं पर जीवनयापन। लगभग पैंतीस साल से देश के कई प्रमुख समाचार-पत्रों में ले-आउट, ग्राफिक्स, इलस्ट्रेशन और कार्टून पर नए प्रयोग। बदलाव के लिए कुछ साल न्यूज चैनल की ओर भी रुख किया। देश के विभिन्न शहरों में कार्टून्स व पेंटिंग्स की कई प्रदर्शनियाँ। लेखन की बीमारी भाई-बहनों व मित्रों को पत्र लेखन से जो लगन लगी तो आज तक जारी। समाचार-पत्रों में विभिन्न लेखों के माध्यम से यह और फली-फूली। अब तक तीन किताबें प्रकाशित। रेखाओं से प्रेम के अलावा शहर की तंग गलियों, पुराने बाजारों, सब्जी मंडियों में घूमना व रेल से यात्रा करना पसंद। सिनेमा, शास्त्रीय संगीत व कंटेंपे्ररी वर्क में गहरी रुचि। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मीडिया के लिए कार्य। दैनिक जागरण में नियमित एडिटोरियल कार्टून।
संपर्क सूत्रःबी-1114, गौर गंगा, सेक्टर-4,
वैशाली, गाजियाबाद-201010
9910344474
the.madhavjoshi@gmail.com
@themadhavjoshi
www.khali-peeli.blogspot.com