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Mahayogi Swami Buddha Puri

Mahayogi Swami Buddha Puri

महायोगी स्वामी बुद्ध पुरी बचपन से ही गीता,रामायण आदि के अतिरिक्त स्वामी रामानंद,श्री अरविंद और थियोसॉफिकल सोसाइटी आदि की महायोगीय साधनाओं तथा साहित्य में रुझान; वर्ष 1972 में ढ्ढढ्ढञ्ज, दिल्ली से रू.ञ्जद्गष्द्ध. और फिर रूहृक्त्रश्वष्ट, इलाहाबाद में अध्यापन; ब्रह्मविद् वरिष्ठ सर्वतंत्र स्वतंत्र काशी की विद्वत् परंपरा के वाहक स्वामी दयालु पुरीजी से शास्त्र-शिक्षा और संन्यास-दीक्षापूर्वक ब्रह्म-बोध व ब्रह्म-परिनिष्ठिता; हिमालय क्षेत्र में तपस्या और मृत्युंजयी सिद्ध संतों की लुप्त-गुप्त साधनाओं की खोज तथा पुनः प्रकाशन; योग-भक्ति-वेदांत, तंत्रागम, अखंड महायोग, खेचरी-कुंडलिनी आदि साधना के गूढ़ विषयों पर शास्त्र-प्रमाण तथा निज अनुभव के आधार पर 20 से अधिक पुस्तकों का लेखन; सिद्धामृत सूर्य क्रियायोग सदृश अनेक साधनाओं का सृजन; ‘योग-साधना द्वारा भूख-प्यास पर विजय के पथ’ का प्रकाशन; गंभीर जिज्ञासुओं के मार्गदर्शन हेतु सदा तैयार।

Books by Mahayogi Swami Buddha Puri