‘महासमर’ (9 खंड), ‘तोड़ो, कारा तोड़ो’ (6 खंड), ‘अभ्युदय’ (2 खंड) जैसे महाकाव्यात्मक बृहद् कालजयी उपन्यासों के सर्जक, प्रसिद्ध रचनाकार डॉ. नरेंद्र कोहली ने साहित्य की प्रायः सभी प्रमुख विधाओं में प्रचुर लेखन किया है और पाठकों के बीच अपना एक विशिष्ट स्थान बनाया है। उनके राष्ट्रवादी सांस्कृतिक चिंतन की छाप स्पष्ट रूप से उनकी रचनाओं में देखने को मिलती है; और यही उन्हें एक अप्रतिम साहित्यकार के रूप में स्थापित करती है। पंद्रह उपन्यास, समग्र कहानियाँ (दो भाग), व्यंग्य-गाथा (दो भाग), पंद्रह व्यंग्य-संग्रह तथा नाटक, आलोचना और विचारों के अनेक संग्रह प्रकाशित होकर बहुचर्चित-बहुप्रशंसित हुए। पाठकों का स्नेह उनका सबसे बड़ा सम्मान है। यद्यपि उन्हें ‘व्यास सम्मान’, ‘शलाका सम्मान’,‘सुब्रह्मण्यम भारती पुरस्कार’, ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय सम्मान’, ‘अट्टहास सम्मान’ से अलंकृत किया जा चुका है।