मानव संसाधन विकास मंत्रालय, शिक्षा विभाग, भारत सरकार में शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। इससे पूर्व वह राज्य संसाधन केंद्र ( प्रौढ़ शिक्षा), देहरादून ( उत्तरांचल) में निदेशक पद पर कार्यरत रहे। वह प्रभावशाली शैक्षिक योग्यताओं के धनी हैं। उन्होंने गढ़वाल विश्वविद्यालय से प्राणिविज्ञान में एम. एस- सी. ( 1978); जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली से एम. एड. ( 1985) तथा शिक्षा में एम. फिल. ( 1986); दिल्ली विश्वविद्यालय से प्रौढ़ एवं सतत शिक्षा में एम. ए. - पश्च डिप्लोमा ( 1991) तथा प्रौढ़ शिक्षा में पी-एच. डी. ( 1999) की उपाधियाँ प्राप्त कीं । वह अक्तूबर 1992 से शिक्षा वि भाग के प्रौढ़ शिक्षा ब्यूरो से संबद्ध हैं। इस अवधि के दौरान उन्होंने साक्षरता तथा प्रौढ़ शिक्षा के विाभिन्न पहलुओं पर लगभग पच्चीस लेखों की रचना की है, जिनका प्रकाशन प्रौढ़ शिक्षा से संबंधित अनेक राष्ट्रीय पत्रिकाओं में हुआ है। यह उनकी तीसरी पुस्तक है।