सन् 1975 में देश में 19 महीने चले आपातकाल के विरोध में संघर्षरत एक 19 वर्षीय युवक, नितिन गडकरी। आयु के 22वें वर्ष में विदर्भ प्रदेश विद्यार्थी परिषद् के सचिव नियुक्त; 1981 में नागपुर भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष; 1985 में नागपुर भाजपा के मंत्री एवं 1988 में महामंत्री; 1989 में महाराष्ट्र विधान परिषद् के लिए निर्वाचित, लगातार चार बार विधान परिषद् के लिए चुने गए। महाराष्ट्र भाजपा के महामंत्री के बाद भाजपा-शिवसेना गठबंधन सरकार में लोक निर्माण मंत्री तथा 1999 से विधान परिषद् में विपक्ष के नेता। 2004 में महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष और 2009 से भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष।
27 मई, 1957 को नागपुर में जन्म; नागपुर विश्वविद्यालय से एम.कॉम., एल-एल.बी. और डी.बी.एम. की पढ़ाई करते हुए विद्यार्थी आंदोलनों में सक्रिय।
सन् 1984 में श्रीमती कांचन के साथ विवाह संपन्न हुआ। उनके दो पुत्र क्रमश: निखिल और सारंग तथा एक पुत्री केतकी है।
किसानों की स्थिति सुधारने के लिए जैविक ईंधन, नए तकनीकी ज्ञान का उपयोग, आधुनिक तरीके से बीजारोपण व उसके लिए कार्यशाला, प्रदर्शनी आदि का आयोजन करते हुए उन्होंने सौर ऊर्जा तथा जैविक ईंधन की परियोजनाएँ निजी रूप में कार्यान्वित कीं।