A person with varied interests, had obtained Master's Degree in Economics and Tamil Literature, as well as degrees in Law and Management. A comparative study of Hindi and Tamil linguistics had also earned him a Ph.D. He joined the Indian Administrative Service (IAS) in 1987 in UP Cadre.
A prominent educationist and thought leader, Dr. Jaganmohan had served as District Collector in five districts, Special Secretary, Higher Education and worked as the Vice-Chancellor of Jhansi University.
An author of repute, his novels, short stories and collections of poems in Tamil, Hindi and English are widely read across the country. His research books on human rights violation, power sector reforms and other relevant issues have generated adequate interest. He has been bestowed UP Hindi Sansthan Award in 1998 and also received the Government of India award from the Ministry of Human Resources Development in 1999. At present, he is working as Divisional Commissioner of Aligarh in Uttar Pradesh and continues with his developmental work with the same zeal.
विविध विषयों में अपार रुचि रखनेवाले डॉ. पी.वी. जगनमोहन ने अर्थशास्त्र तथा तमिल साहित्य में एम.ए., पी-एच.डी., डी.फिल., डी-लिट्. की डिग्रियाँ प्राप्त कीं।
सन् 1987 में भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में सफल हुए और उत्तर प्रदेश कैडर मिला। प्रखर चिंतक-विचारक तथा शिक्षाविद् डॉ. जगनमोहन उत्तर प्रदेश के पाँच जिलों में जिलाधीश; उत्तर प्रदेश शासन में उच्च शिक्षा के विशेष सचिव तथा झाँसी विश्वविद्यालय के कुलपति रह चुके हैं।
तमिल, हिंदी व अंग्रेजी भाषाओं में उनकी कहानियाँ, कविताएँ तथा उपन्यास प्रकाशित होकर चर्चित हो चुके हैं और उनके लेखों का अपूर्व स्वागत हुआ है। उन्हें उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान सम्मान (1998), भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय सम्मान (1999), बाबू गुलाब राय सम्मान (2009), इफको राज भाषा सम्मान (2010), निराला सम्मान (2011), भाषा सेतु सम्मान (2012) तथा सुमित्रानंदन पंत सम्मान (2017) द्वारा सम्मानित किया गया। अनेक वरिष्ठ प्रशासनिक पद पर कार्यरत रहने के बाद वर्तमान में बरेली मंडल के आयुक्त हैं और विकास-कार्यों को गति देने के लिए संकल्पबद्ध हैं।