प्रज्ञा शर्मा
उर्दू और हिंदी के मुहाने पर जो भाषा गढ़ी जाती है, उस भाषा संस्कार का श्रेष्ठ उदाहरण हैं—प्रज्ञा शर्मा। कविता के प्रति अनुराग प्रज्ञाजी को उस कानपुर से मिला, जहाँ उनका जन्म हुआ। और कार्य के प्रति निष्ठा उन्हें उस मुंबई से मिली, जिसे उन्होंने अपनी कर्मभूमि बनाया। दुनिया भर के कवि-सम्मेलनों और मुशायरों में प्रज्ञाजी की अनूठी अदायगी श्रोताओं को खूब प्रभावित करती है।
नीरजजी के इस अभूतपूर्व संग्रह को साकार करके प्रज्ञाजी ने अपनी क्षमता पर हस्ताक्षर किए हैं।
संपर्क : फ्लैट नं. 608, साईं सिद्धी बिल्डिंग नं 7, गाँवदेवी म्हाडा कॉम्प्लेक्स, ओशिवारा पुलिस स्टेशन के पीछे, मुंबई, जोगेश्वरी (प.), महाराष्ट्र-400102
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