प्रेमलता अग्रवाल का जन्म वर्ष 1963 में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ। नौ भाई-बहनों में वे तीसरे नंबर पर हैं।
सातों महाद्वीपों के शिखर पर चढ़नेवाली प्रेमलता पहली भारतीय महिला हैं। प्रेमलता ने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की, उसके बाद उनका विवाह विमल कुमार के साथ हो गया और एक साधारण गृहिणी की तरह वह अपनी दोनों बेटियों की परवरिश में लग गईं। एक दिन प्रेमलता अग्रवाल की मुलाकात जानी-मानी पर्वतारोही बचेंद्री पाल से हुई और इस मुलाकात ने प्रेमलता की जिंदगी की दिशा ही बदल दी। बचेंद्रीजी को प्रेमलता में काफी संभावनाएँ नजर आईं और उन्होंने प्रेमलता को पर्वतारोहण के क्षेत्र में आने के लिए प्रेरित किया। उनके मार्गदर्शन में 48 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुँचकर एवरेस्ट को छूने वाली भारत की सबसे अधिक उम्र की पर्वतारोही बनीं। पे्रमलता की अद्भुत उपलब्धियों के लिए भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री सम्मान से सम्मानित किया गया।