डॉ. मिलनरानी जमातिया
सन् 1976 में त्रिपुरा के गोमती जिले के खुमपोईलोंग गाँव में जन्म। प्रारंभिक शिक्षा बनस्थली विद्यापीठ, राजस्थान एवं उच्च शिक्षा पूर्वोत्तर पर्वतीय विश्वविद्यालय, शिलाँग से।
हिंदी और कॉकबरक लोककथाओं का तुलनात्मक अध्ययन विषय पर पी-एच.डी.। ‘त्रिपुरा की लोककथाएँ’, ‘कॉकबरक की प्रतिनिधि कविताएँ’, ‘साईजाक बोड़ो कॉकलप’, ‘त्रिपुरा के गॉरिया लोकगीत’, ‘मैपिंग दि जमातियाज’, ‘त्रिपुरा के जनजातीय लोकगीत’ एवं ‘पहाड़ की गोद में’ इ-बुक सहित अब तक सात पुस्तकें, दो कोश और अनेक आलेख प्रकाशित।
पचास से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठियों में भागीदारी। त्रिपुरा ट्राइबल ऑफिसर्स फोरम, कॉकबरक साहित्य संसद् एवं इंटरनेशनल बरक फोरम समेत अनेक सरकारी एवं गैर-सरकारी समितियों की सदस्य। अनुवाद, लोक-साहित्य, आदिवासी साहित्य एवं विमर्श में विशेष रुचि। वर्ष 2004 से 2006 तक महाराजा बीरबिक्रम कॉलेज, अगरतला में अध्यापन। 2006 से हिंदी विभाग, त्रिपुरा विश्वविद्यालय, अगरतला में अध्यापन।
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