प्रो. नंद किशोर पाण्डेय
भारतीय साहित्य के चर्चित और प्रतिष्ठित विद्वान् हैं। भारतीय मध्यकालीन साहित्य के लेखक और वक्ता के रूप में विशिष्ट पहचान। राजीव गांधी विश्वविद्यालय, ईटानगर तथा राजस्थान विश्वविद्यालय में हिंदी विभागाध्यक्ष रहे। ‘संत रज्जब’, ‘संत साहित्य की समझ और दादूपंथ के शिखर संत’ उल्लेखनीय पुस्तकें हैं। इन्होंने अनेक देशों की अकादमिक यात्राएँ की हैं। केंद्रीय हिंदी संस्थान के निदेशक के रूप में इन्होंने अपनी बहुमूल्य सेवाएँ दीं। संप्रति :अधिष्ठाता, कला संकाय तथा शोध निदेशक, राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर।
प्रो. हरीश कुमार शर्मा
लगभग 21 वर्षों तक अरुणाचल प्रदेश में उच्चतर स्तर पर हिंदी अध्यापन। राजीव गांधी विश्वविद्यालय में तीन-तीन वर्ष हिंदी विभागाध्यक्ष तथा भाषा संकायाध्यक्ष रहे।
अक्तूबर 2020 से सिद्धार्थ विश्वविद्यालय, कपिलवस्तु के हिंदी विभाग में आचार्य पद पर कार्यरत।
साथ ही छात्र-कल्याण अधिष्ठाता, कला संकाय अधिष्ठाता, शोध निदेशक जैसे दायित्वों का निर्वहन। अब तक पाँच पुस्तकें तथा राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न पत्रिकाओं में शताधिक सृजनात्मक एवं आलोचनात्मक रचनाएँ प्रकाशित